जय हो जय हो शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
आदि देव शंकरा
हे शिवाय शंकरा
तेरे जाप के बिना
भोलेनाथ शंकरा
चले ये सांस किस तरह
हे शिवाय शंकरामेरा कर्म तू ही जाने
क्या बुरा है क्या भला
(क्या बुरा है क्या भला... क्या बुरा है क्या भला)
तेरे रास्ते पे मैं तो
आँख मूँद के चला
(आँख मूँद के चला... आँख मूँद के चला)
तेरे नाम की जोत ने
सारा हर लिया तमस मेरानमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
जय त्रिलोकनाथ शम्भू
हे शिवाय शंकरानमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
रुद्रदेव हे महेश्वरासृष्टि के जनम से भी
(ओ... ओ... ओ...)
पहले तेरा वास था
(ओ... ओ... ओ...)
ये जग रहे या ना रहे
(ओ... ओ... ओ...)
रहेगी तेरी आस्था
(ओ... ओ... ओ...)
क्या समय. क्या प्रलय
दोनों में तेरी महानता
महानता... महानता...सीपियों की ओट में
भोलेनाथ शंकरा
मोतिया हो जिस तरह
हे शिवया शंकरा
मेरे मन में शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
तू बसा है उस तरह
हे शिवया शंकरामुझे भरम था जो है
मेरा था कभी नहीं मेरा
(था कभी नहीं मेरा... था कभी नहीं मेरा)
अर्थ क्या निरर्थ क्या
जो भी है सभी तेरा
(जो भी है सभी तेरा... जो भी है सभी तेरा)तेरे सामने है झुका
मेरे सर पे हाथ रख तेरानमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
जय त्रिलोकनाथ शम्भू
हे शिवाय शंकरानमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
रुद्रदेव हे महेश्वराचन्द्रमा ललाट पे
(ओ... ओ... ओ...)
भस्म है भुजाओं में
(ओ... ओ... ओ...)
वस्त्र बाग़ चाल का
(ओ... ओ... ओ...)
मैं खड़ा हूँ पाँव में
(ओ... ओ... ओ...)प्यास क्या हो तुझे
गंगा है तेरी जटाओं में
जटाओं में... जटाओं मैं...दूसरों के वास्ते
भोलेनाथ शंकरा
तू सैदेव ही जिया
हे शिवाय शंकरा
माँगा कुछ कभी नई
भोलेनाथ शंकरा
तूने सिर्फ है दिया
हे शिवाय शंकरासमुन्द्र मंथन का
था समय जो आ पड़ा
(था समय जो आ पड़ा... था समय जो आ पड़ा)
द्वन्द दोनों लोकक में
विषमारित पर थी छिड़ा
(विषमारित पर थी छिड़ा... विषमारित पर थी छिड़ा)अमृत सभी में बांट के
प्याला विष का तूने खुद पियानमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
जय त्रिलोकनाथ शम्भू
हे शिवाय शंकरानमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
रुद्रदेव हे महेश्वरानमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
जय त्रिलोकनाथ शम्भू
हे शिवाय शंकरानमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
रुद्रदेव हे महेश्वरा
रुद्रदेव हे महेश्वरा
रुद्रदेव हे महेश्वरा